राजस्थानी आभूषणों के नाम
पैर मे पहने जाने वाले आभूषणों के नाम:
बिछिया, बिच्छवा, पेंरी, पाइल, पाजेब, कड़ला, नेवरी, छेलकड़ी, छड़, झांझर, पंजा, पगपान, फोलरी, घुघंरू, गोर, कड़ा, तोड़ा, अणोटपोल, झंकारतन, सिंजनी, मकियो, तेधड़, मसुरियौ, नुपुर, हरणामैन, टणका, चौपुली, टोडरौ, आँवला, फुलड़ी, गुठलो, नखलियौ, दोलिकियौ, साटी, लच्छा, तोड़ाकमर :
कणकती, कंडोर, जंजीर, करधनी, तगड़ी, मेरवला, कणदोरा, कणगावलि, करधन (चांदी)
अंगुली :
मुदंरी, बींटी, मुंदड़ी, अंगूठी, पवित्री, पटटाबींटी, अरसी, अंगुथलौ, हथफूल
कलाई :
ऐठी, चुरी, कंकनी, पटा, पूँचिया, छैलकड़ो, पछेली, चूडिय़ां, बंगड़ी, चूड़ा, गोखरू, ककन, कंगन, गजरा
बाँह :
बाजूबंद, बहूटा, पहुंची, नागमोरी, बनुरिया, हरईंया, अंगद, चुड़ली, टडडा, अणत, नवरत्न, हारपान
गला :
सुतिया / सुता / सुर्रा , दुलरी, तिलरी, हंसती, पुतरी, ढोलकी, ताबीज, हार, झालर, हालरो, तुलसी, मटरमाला, ठस्सी,कंठी, गलपटिया, गलसरी, खुँगाली, हँसली, मादलिया, मंगलसूत्र, निबोरी, टेवटा, तिमनिया, तिमणिया, हमेल, चंपाकली, पंचलड़ी, मंडली
कान :
खिनवा, तरकी, लरकी, तितरी, खूंटी, लवांगफुल, कर्णफूल, झुमका,.झूमर, बजट्टी, झूमकी, पीपलपत्र, ओगन्या, कुड़क, कुड़कली, गुड़दा, मुरकी, बाली, काँटा, लौंग, भँवरा, मोरूवर, नकेसर, बेसरि
नाक :
बुलाक, बेसर, लवंग, नथ, नथनी, फुल्ली, कोका, नाथ, तील्ली, लूँग,
माथा :
टिकली, विदित, शीशफूल,. सिरमांग, गोफण, सगीफुली, बोरला, रखड़ी, पतरी, टीका, मांगटीका, टिडडी-भलको, टीकी, बिंदी, मैमद, मौड़, झेला
आभूषणों के बिना एक भारतीय औरत का श्रंगार अधुरा होता है।
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